चाइनीज माल नहीं खरीदेंगे तो होगा भारत का नुकसान – पढ़िए कैसे

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चाइनीज सामान
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नई दिल्ली : इस त्योहार के सीजन में पूरे देश में चाइनीज सामान का बहिष्कार करने की आवाज़ उठ रही है। लेकिन इससे चीन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चाइनीज सामान के बहिष्कार की अपील सुनकर भारत के कारोबारी डरे हुए हैं, क्योंकि त्योहारों से संबंधित लगभग 90 फ़ीसदी चाइनीज सामनों की आपूर्ति हो चुकी है। दर-असल त्योहारी सीजन में चीन को तीन-चार महीने पहले ही ऑर्डर बुक कर दिया जाता है और त्योहारी सीजन शुरू होने के एक महीने पहले ही चीन से माल की सप्लाई भी कर दी जाती है। इस तरह से भारतीय कारोबारियों ने चीन से माल मंगा लिया है और उन्हे डर इसी बात का है कि अगर चाइनीज सामानों का बहिष्कार हुआ तो सबसे ज्यादा नुकसान उन्ही का होगा, क्योंकि चाईनीज कंपनियों को वो भुगतान कर चुके हैं। मतलब चाईनीज कम्पनियां त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले ही भारत के बाजारों में अपना समान बेचकर पैसे ले जा चुकी हैं।

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फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेड असोसिएशंस के वाइस चेयरमैन और इम्पोर्टर पवन कुमार ने बताया, ‘दिवाली का 90 पर्सेंट चाइनीज माल डिलिवर हो चुका है। पेमेंट भी हो चुका है और कस्टम ड्यूटी भी जा चुकी है। अब किसी भी तरह की रोक से चीन का कुछ नहीं बिगड़ने वाला, जो नुकसान होगा वह भारतीय ट्रेडर्स का होगा।’

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उन्होंने बताया कि देश में दिवाली गुड्स की डिमांड साल दर साल 10-15 पर्सेंट की दर से बढ़ रही है। घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इसे पूरा नहीं कर सकती। सरकार को चाहिए कि चीन चाइनीज चीजों से घरेलू इंडस्ट्री प्रभावित हो रही है, पहले उन पर बैन लगाए और घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन दे।
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