करप्शन के आरोपों पर कांग्रेस ने मांगा रिजिजू का इस्तीफा, जारी किया ऑडियो टेप

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विजिलंस ऑफिसर ने अपनी रिपोर्ट में कई अनियमितताओं की ओर ध्यान दिलाया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि किस तरह फर्जी बिलों के सहारे पेमेंट लिए जा रहे थे, फर्जी नंबर के वाहनों से पत्थरों को ढाने का काम कागजों पर दिखाया जा रहा था। जिन ट्रकों का इस्तेमाल दिखाया गया था, जांच में उनके नंबर स्कूटर और बाइक के पाए गए। वहीं एक ट्रक को एक ही वक्त में अलग-अलग जगहों पर काम करते हुए भी दिखाया जा रहा था। जांच में यह भी पाया गया कि जो पत्थर 5km से लाए जा रहे थे, उनके लिए भाड़ा 80km के हिसाब से लिया जा रहा था। इन तमाम गड़बड़ियों के बावजूद ठेकेदार को पेमेंट दी जाती रही।

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सुरजेवाला ने बताया कि सीवीसी ने इस साल जुलाई में अपनी रिपोर्ट सीबीआई और ऊर्जा मंत्रालय को भेज दी और तब जाकर पेमेंट रोकी गई। उनके मुताबिक, पेमेंट रोके जाने के बाद किरण रिजिजू के कथित चचेरे भाई गोबोई रिजिजू सेंट्रल विजिलंस ऑफिसर सतीश वर्मा से मिलने गए। सुरजेवाला ने दावा किया कि यह ऑडियो टेप इसी मुलाकात का है जिससे यह साफ होता है कि गोबाई रिजिजू ने अपने भाई और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के नाम का इस्तेमाल करते हुए ऑफिसर पर दबाव बनाया, उन्हें प्रमोशन का लालच भी दिया गया। इस दौरान गोबोई ने यह भी माना कि वह अरुणाचल प्रदेश के कई प्रॉजेक्ट्स में काम कर रहे हैं।

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