नए करंसी नोटों के लिए बैंकों और एटीएम के बाहर लगी भीड़ पर विपक्ष लगातार सरकार की आलोचना कर रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों की टीमों को नासिक (महाराष्ट्र) और देवास (मध्य प्रदेश) भेजा है। इन दोनों जगहों पर नए करंसी नोट्स छापे जा रहे हैं जिनकी व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करने के लिए यह टीमें बनाई गई हैं। अधिकारी नए नोटों की प्रिंटिंग और वितरण की प्रक्रिया को और तेज करने की संभावना पर ध्यान देंगे। छपाईखाने चौबीसों घंटे चल रहे हैं और स्टाफ को अतिरिक्त घंटों के लिए काम करने और अपनी छुट्टियां छोड़ने पर वित्तीय इंसेंटिव दिए जाने का वादा किया गया है। सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सरकार ने आरबीआई, जो कि मैसूर (कर्नाटक) और सलबोनी (पश्चिम बंगाल) की सुरक्षा प्रेसों में भी नए नोट छापती है, प्रक्रिया को और तेज करे। करंंसी का 65 फीसदी हिस्सा आरबीआई की इकाइयों में छपता है, बाकी सरकारी छपाईखानों में छापे जाते हैं। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम, विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि देश के विभिन्न हिस्सों में समय से नए नाेट पहुंचाए जा सकें। सरकार ने भारतीय वायुसेना और कमर्शियल एयरलाइंस से भी संपर्क कर करंसी की एयरलिफ्टिंंग कराई है।
फसल की बुवाई का मौसम आने के साथ की सरकार का फोकस ग्रामीण इलाकों में नई करंसी पहुंचाने पर है। 500 रुपए के नोट, जिसे नए डिजाइन के साथ पेश किया गया है और 100 रुपए के नोटों की किल्लत से उन्हें ज्यादा समस्या हो रही है जिन्हें 2,000 रुपए का नोट मिला है, अब फोकस इन नोटों की तरफ किया गया है। एक सूत्र ने कहा, ”हमारे ध्यान में आया है कि 2000 रुपए के नोट रखने वालों को दिक्कत हो रही है क्योंकि छोटी मूल्य की करंसी की किल्लत होने से कारोबारी और दुकानदार बड़े नोट नहीं ले रहे हैं। हम अब छोटे मूल्य की नोटों पर ध्यान दे रहे हैं। साथ ही चूंकि बुवाई का मौसम शुरू हो गया है, हम ग्रामीण इलाकों में नोटों की सप्लाई सुनिश्चित कराने पर ज्यादा ध्यान देंगे।”
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