नई दिल्लीः बीजेपी की दो दिग्गजों – अमित शाह और राजनाथ सिंह के बीच बढ़ती दूरियों ने मोदी के माथे पर चिंत की लकीरें खींच दी हैं. और सिर्फ़ मोदी ही नहीं पार्टी के लोग भी आशंकित हैं कि शाह और सिंह के बीच मनभेद से कहीं यूपी चुनाव में भाजपा की लुटिया डूब ना जाए। जाहिर है कि जब दो शीर्ष नेता दाएं-बाएं चलेंगे तो फिर चुनाव पर असर पड़ना तय है। मनभेद की लगातार संकेत देख चिंतित मोदी ने पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं को मध्यस्थता करने का जिम्मा सौंपा है। ताकि राजनाथ और शाह एक साथ काम कर यूपी में जीत की आधारशिला रख सकें। दरअसल मोदी को लगता है कि अगर 2017 का यूपी इलेक्शन हार गए तो मिशन 2019 का ख्वाब भी धरा का धरा रह जाएगा। क्योंकि यूपी में सर्वाधिक सीटें जीतने के बाद ही 2014 में भाजपा सरकार बना सकी।
अगले पेज पर जानिए- वो तीन फ़ैसले जिनमें शाह और राजनाथ की बढ़ती दूरियां दिखती हैं