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2. कुछ लोग कालेधन को सफ़ेद करने के लिए किन्नरों का सहारा ले रहे हैं। कहते हैं कि ‘काला धन’ वालों के बाद सबसे ज्यादा पैसा किन्नरों के पास ही होता है| चूंकि किन्नर अपने पैसे को लोगों के घरों में होने वाले शुभ कार्यों में न्यौछावर के रूप में पाते हैं इसलिए इसे काला धन नहीं कहा जा सकता| हर एक किन्नर टोली के पास लाखों रुपये और गहने होते हैं| लेकिन किन्नर यह सबकुछ अपने घरों में खुद ही संभालकर रखते हैं|
ऐसे में लोग इन्हें अपना कालाधन लाकर दे रहे हैं जिसे किन्नर बैंक में जाकर एक्स्चेंज करवा रहे हैं और लोगों को वापसी में वो करेंसी मिल पाएगी जो वर्तमान में देश में काम कर रही है लेकिन वापसी में कालाधन वालों को टोटल अमाउंट का 50 फीसदी ही मिलेगा बाकी 50% किन्नर के पास रहेगा।

3. वडोदरा के एक रियल एस्टेट डिवेलपर ने अपने एंप्लॉइज को छह महीने की सैलरी एडवांस में दे डाली है। इस दरियादिली की वजह यह थी कि उसे अपने पास पड़े ब्लैक मनी से छुटकारा पाना था और यह तरीका सबसे आसान लगा। यह तो उन उपायों की एक बानगी है, जिसे इस डिवेलपर ने अपनाया और देशभर में इसके जैसे बहुत से लोग ब्लैक मनी से छुटकारा पाने के लिए अपना रहे हैं। अपने कारनामे पर खुशी से फूले न समा रहे डिवेलपर ने कहा, ‘जो लोग मेरे लिए काम करते हैं, उनको मैंने एडवांस सैलरी दे दी है। हर एंप्लॉयी को उनकी मेहनत के इनाम के तौर पर सैलरी से 2 पर्सेंट ज्यादा रकम दी गई है।’ डिवेलपर ने यह शंका भी जताई कि कहीं उसके एंप्लॉयी पैसा लेकर फुर्र ना हो जाएं।
4. कालेधन को ठिकाने का एक और आसान तरीका निकाला है कालेधन के कुबेरों ने। इसमें कालाधन रखने वाले क्या कर रहे हैं कि जितना कैश उनके पास है उसको वो कुछ लोगों को कैश लोन दे देंगे। वो लोग इस पैसे को जाकर बैंक में जमा करवायेंगे। और बैंक से वापसी में उन्हें वो करेंसी मिलेगी जो वर्तमान में देश में चल रही है जिससे कालाधन सफ़ेद धन में आसानी से कन्वर्ट हो जाएगा।
































































