नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार(20 अक्टूबर) को कहा हाथी मालिक इन जानवरों के प्रति बेरहम नहीं हो सकते और उनको कानून का पालन करना चाहिए।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने कहा कि जो लोग अपनी निजी हैसियत अथवा मंदिर के तहत हाथियों को रखते हैं तो वे कानून के अनुसरण अथवा पशुओं की देखभाल की परवाह नहीं करते।
हाथी मालिकों ने पीठ को बताया कि कानून मौजूद है और इसका पालन कर रहे हैं तथा पशुओं के प्रति निर्ममता विरोधी कानून में सजा का प्रावधान है।
इस पर पीठ ने कहा कि ‘‘समस्या यह है कि कानून का पालन नहीं होता है। आप जो कुछ करते हैं, आप पशुओं के प्रति बेरहम नहीं हो सकते।’’
देश की सर्वोच्च अदालत ने बीते 29 मार्च को केंद्र और कई राज्य सरकारों से कहा था कि वे इसकी जानकारी दें कि क्या कोई व्यक्ति हाथी वन्यजीव संरक्षण के तहत मालिक बनकर हाथी को रख सकता है।