गृह मंत्रालय ने आंतकी मसूद अजहर के खिलाफ याचिका दायर करने की मंजूरी दी

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एनआईए ने गृह मंत्रालय के साथ बाटें थे सबूत

एनआईए ने गृह मंत्रालय के साथ जो सबूत साझा किए हैं, उनमें हमला करने वाले चार आतंकवादियों की आपस में की गई बातचीत, उनके पते, परिवार वालों की जानकारी और अल-रहमत ट्रस्ट के फाइनैंशल डीटेल शामिल हैं। इनके अलावा सबूतों में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के हजारों मेसेज/चैट्स और उनकी आवाज के नमूने भी हैं। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध के रहने वाले नासिर हुसैन, अबु बकर, उमर फारुख और अब्दुल कयूम नाम के चार फिदायीन आतंकवादियों ने एक जनवरी की रात पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था, जिसमें 7 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद एनएसजी और सेना ने मिलकर 80 घंटे तक चले ‘ऑपरेशन धंगु’ के तहत सभी आतंकवादियों को मार गिराया था।

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मसूद अजहर, रउफ, जान और लतीफ के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी हो चुका है, पर पाकिस्तान ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। ये आतंकवादी पाकिस्तान में आज भी खुले घूम रहे हैं। अमेरिका ने भी आतंकी कशिफ जान और चार फिदायीन आतंकियों के बीच हुई बातचीत के सबूत सौंपे थे, जिसमें 1,000 से ज्यादा पन्नों की बातचीत शामिल थी। ‘मुल्ला दादुल्लाह’ नाम के फेसबुक अकाउंट से जुड़ा पाकिस्तानी मोबाइल नंबर भी एनआईए ने ढूढ़ निकाला था। कशिफ जान द्वारा संचालित किया जाने वाला यह फेसबुक अकाउंट, हमले के दौरान और पहले भी इस्तेमाल किया गया था, जिसका आईपी अड्रेस पाकिस्तान का था।

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