नई दिल्ली। पूरे देश में सरकारी अस्पतालों के नर्सों ने केंद्र के साथ समझौते पर पहुंचने के बाद शनिवार(3 सितंबर) को अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली। डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों से जूझ रहे दिल्ली और कुछ अन्य शहरों के लिए यह बड़ी राहत है।
शुक्रवार को ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन (एआईजीएनएफ) ने हड़ताल का आह्वान किया था। इससे पिछले दो दिनों में राष्ट्रीय राजधानी और कुछ अन्य शहरों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई थीं।
हड़ताल शुरू होने के बाद दिल्ली सरकार ने आवश्यक सेवा बहाली अधिनियम (एस्मा) लागू किया था और हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया था। बाहरी दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अस्पताल के दो पुरुष नर्सों को अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।
एआईजीएनएफ प्रवक्ता लीलाधर रामचंदानी ने कहा कि ‘‘हमें केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि हमारे लंबित मुद्दों का समाधान 12 सितंबर तक हो जाएगा। साथ ही दिल्ली के मुख्य सचिव ने हमें आश्वासन दिया है कि दोनों नर्सों के खिलाफ पुलिसिया मामले को वापस ले लिया जाएगा और उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। इसलिए, हम अपनी राष्ट्रव्यापी हड़ताल वापस ले रहे हैं।’’
केंद्र ने वित्त सचिव की अध्यक्षता में लंबित मांगों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति ने वार्ता के लिए 12 सितंबर को नर्सों के फेडरेशन को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि ‘‘हमारे पास केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा का कॉल आया और उन्होंने हमसे हड़ताल को वापस लेने को कहा, क्योंकि दिल्ली और अन्य शहर डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों से जूझ रहे हैं।
यह स्वास्थ्य संकट उन बड़े कारणों में से एक था, जिसकी वजह से हमने हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया।’’ नर्स पिछले कुछ समय से वेतन और भत्तों में संशोधन की मांग कर रहे हैं।