सरकार ने ‘गलत तथ्यों’ पर राहुल गांधी को घेरा, गंदी राजनीति न करने की दी सलाह

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राजनीतिक फायदे

केंद्र सरकार के मंत्री ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ‘राजनीतिक फायदे’ के लिए ‘गंदी राजनीति’ ना करने की सलाह दी है। साथ ही बीजेपी द्वारा राहुल गांधी को ‘वन रैंक वन पेंशन’ पर अपना ‘ज्ञान’ बढ़ाने के लिए भी कहा गया। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ‘पहली बात तो यह कि राहुल गांधी तथ्यों के मामले में गलत हैं। लेकिन बड़ा मुद्दा उन्हें यह बताना है कि सुरक्षा बल देश का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे लोग देश को सुरक्षित रखने के लिए काफी जोखिम भरे काम करते हैं। मैं राहुल गांधी से इस मुद्दे पर गंदी राजनीति ना करने की सलाह दूंगा।’

प्रसाद ने आगे बताया कि जहां तक पेंशन पेमेंट के स्लैब सिस्टम की बात है उसके लिए वेतन समीक्षा समिति की तरफ से कहा गया था लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। कानून, न्याय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा नरेंद्र मोदी सरकार ने ही वन रैंक वन पेंशन को लागू करने का काम किया है। जिससे सरकार पर 10 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ता है। वहीं राहुल गांधी के आरोपों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘पेंशन में बराबरी का अधिकार 1998-99 से लागू है। इसमें नरेंद्र मोदी सरकार ने कोई नई पॉलिसी का निर्माण नहीं किया है। ‘

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गौरतलब है कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर ‘वन रैंक वन पेंशन’ को सही तरीके से लागू करने की अपील की थी। राहुल ने चिट्ठी में लिखा था, ‘हमारे जवान हर रोज अपने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन दांव पर लगाते हैं। लिहाजा, यह हमारा कर्तव्य है कि उन्हें दिखाया जाए कि हम उनकी और उनके परिवार की चिंता करते हैं।’ राहुल गांधी ने पीएम को आगे लिखा था, ‘मैं आपका ध्यान मीडिया की उन खबरों की ओर लाना चाहता हूं, जो पिछले कुछ हफ्तों में सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के बाद सामने आ रही हैं। मुझे लगता है कि ये सब हमारे जवानों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली खबरें हैं।’

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राहुल ने अपने पत्र में लिखा था कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में जो भी विसंगतियां हैं उन्हें जल्द दूर किया जाना चाहिए ताकि जवानों को उसका लाभ पाने के लिए संघर्ष न करना पड़े। 28 अक्टूबर, 2016 को लिखे दो पन्नों के पत्र में राहुल गांधी ने लिखा कि हमारे जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया उसके कुछ दिनों बाद ही विकलांगता पेंशन में बदलाव किया गया जो कि कई मामलों में इन बहादुर जवानों के विकलांग होने पर पेंशन कम कर देता है। सशस्त्र बलों के जवानों को लगातार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से दूर रखा जा रहा है। 18 अक्टूबर के एक आदेश में रक्षा अधिकारियों के स्टेटस में कमी करने का फैसला लिया गया है। यह कमी उनके समकक्ष सिविल सेवा अधिकारियों की तुलना में की गई है।

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