नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार(11 सितंबर) को कहा कि कॉलेजियम को न्याय प्रणाली में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व की ओर ध्यान देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की। गोयल ने यह मुद्दा ऐसे समय उठाया है, जब उच्च न्यायपालिका न्यायाधीशों की कमी के संकट से जूझ रही है।
गोयल ने रियो ओलंपिक में महिला खिलाड़ियों की हाल की उपलब्धियों समेत केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ’, ‘बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए उच्च न्यायपालिका में महिलाओं की कमी का मुद्दा उठाया।
भारतीय न्यायपालिका में महिलाओं की कमी के गोयल द्वारा उठाए गए मुद्दे का न्यायमूर्ति सीकरी ने भी समर्थन किया। वे यहां प्रतिभा एम सिंह कैंब्रिज एलएलएम स्कॉलरशिप से जुड़े एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आए थे।
न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि ‘‘दुनिया बदल रही है। लगभग हर क्षेत्र में महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं। न्यायपालिका में भी पहले के मुकाबले महिलाओं का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर हुआ है। अगले 15-20 साल में हम हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में और ज्यादा संख्या में महिला न्यायाधीशों को देखेंगे।’’