नई दिल्ली। अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्केण्डेय काटजू को सुप्रीम से झटका लगा है। दरअसल, शीर्ष अदालत ने काटजू की तरफ से महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बारे में की गई अपनी टिप्पणियों की वजह से संसद में उनके खिलाफ पारित निंदा प्रस्ताव रद्द करने की उनकी याचिका गुरुवार(15 दिसंबर) को खारिज कर दी।
तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मेरिट के आधार पर न्यायमूर्ति काटजू की याचिका खारिज करते हुए इस मामले में उन प्रारंभिक आपत्तियों को भी अस्वीकार कर दिया कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है।
गौरतलब है कि काटजू ने पिछले साल 29 जून को शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके संसद से पारित निन्दा प्रस्ताव निरस्त करने की गुजारिश की थी। न्यायमूर्ति काटजू ने अपने ब्लाग में महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस को ब्रिटिश और जापानी ‘एजेन्ट’ कहा था।
काटजू के इस बयान के बाद संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर दिया। जिसके बाद काटजू ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में कहा था कि संसद के दोनों सदनों ने उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दिए बगैर ही ‘उनके बयानों के लिये उनकी निंदा की है।