NCP और CPI-M भी ईवीएम हैकाथॉन से बाहर, बोले- सिर्फ तकनीक समझने आए थे

0
ईवीएम

निर्वाचन आयोग ने शनिवार (3 जून) को ईवीएम को हैक करने की चुनौती का आयोजन किया। चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, कोई टैंपरिंग नहीं हुई। एनसीपी और सीपीआई-एम सिर्फ ईवीएम की कार्यप्रणाली समझना चाहती थीं, इसके अलावा उन्‍होंने तकनीकी पहलुओं को समझने की कोशिश भी की। बंद दरवाजे के पीछे हुई गतिविधि में उन्‍हें ईवीएम के सुरक्षा फीचरों से अवगत कराया गया। चार घंटे की चुनौती सुबह 10 बजे शुरू हुई थी। माकपा के प्रतिनिधिमंडल ने मशीन में लगे विभिन्न सुरक्षा जांचों पर दिए गए प्रदर्शन को देखा जबकि राकांपा की टीम ने आयोग की तकनीकी समिति के विशेषज्ञों से बातचीत की।

इसे भी पढ़िए :  केजरीवाल और मायावती के EVM में गड़बड़ी के दावे में है दम? जानिए ये 5 अहम बातें

दोनों पार्टियों को चार-चार ईवीएम दी गईं थीं जो दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड से लाई गईं हैं जहां उन्हें हाल में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान लगाया गया था। कई प्रमुख विपक्षी पार्टियों द्वारा दावा किया गया था कि ईवीएम में छेड़छाड़ के कारण लोगों का इनमें से विश्वास उठ चुका है जिसके बाद इस चुनौती का आयोजन किया गया। हालांकि आयोग इस बात अडिग रहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। बसपा और आप ने आरोप लगाया था कि हाल के विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गईं मशीनों के साथ छेड़छाड़ की गई थी जिसके बाद मशीनों ने भाजपा के पक्ष में परिणाम दिए। बाद में, कई अन्य पार्टियां इसमें शामिल हो गई और उन्होंने मांग की कि आयोग फिर से मतपत्रों से मतदान कराए।

इसे भी पढ़िए :  अब भारत में चलेंगी कांच की छतों वाली ट्रेनें, स्विट्जरलैंड जैसा होगा एहसास