नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान सिंधु जल संधि को लागू करने के लिए इस महीने के अंत में पाकिस्तान में एक मीटिंग के जरिए दोबारा बातचीत शुरू कर सकते हैं। यह बातचीत पिछले वर्ष सितंबर में जम्मू और कश्मीर के उरी में सेना के एक कैम्प पर हमले के बाद रोक दी गई थी। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच 7-8 जून को कजाकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन समिट के दौरान मीटिंग का रास्ता भी खुल सकता है।
सिंधु जल संधि के लिए 56 वर्ष पहले परमानेंट इंडस कमिशन बनाया गया था। आगामी मीटिंग का अजेंडा नियमों के अनुसार मेजबान पाकिस्तान तय करेगा। एक अधिकारी ने बताया कि कमिशन की मीटिंग प्रत्येक फाइनेंशल इयर में होती है। मोदी ने पिछले वर्ष इस मीटिंग को भारत की ओर से रोके जाने के बाद कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। परमानेंट इंडस कमिशन में भारत और पाकिस्तान के अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं। इसका गठन 1960 में हुई सिंधु जल संधि को लागू करने के लिए किया गया था। कमिशन डेटा का रखरखाव और इसका आदान-प्रदान करने के साथ ही दोनो देशों के बीच सहयोग में मदद करता है।
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