कश्मीर: अंद्राबी के वीडियो दिखा बनाया जा रहा है आतंकी

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आंद्राबी के वीडियो

श्रीनगर : कश्मीर में आंद्राबी के वीडियो दिखाकर युवाओं को आतंकी बनाया जा रहा है। पाकिस्तान से शुरू हुआ ये सिलसिला अब कश्मीर पहुंच गया है। लश्कर-ए-तैयबा के 21 वर्षीय आतंकी बहादुर अली उर्फ सैफुल्लाह को भी भारत के खिलाफ जिहाद के रास्ते पर चलने के लिए कश्मीरी अलगाववादी आसिया अंद्राबी के विडियो से प्रेरणा मिली थी। अंद्राबी भारत विरोधी संगठन दुख्तारन-ए-मिल्लत की प्रमुख हैं। अंद्राबी को पहले भी कई मौकों पर भारत के खिलाफ जंग के हालात पैदा करने और हिंसा भड़काने के लिए गिरफ्तार किया गया। पिछले साल अंद्राबी ने खुलेआम पाकिस्तान का झंडा लहराया था। इसके बाद वह एक विवादित विडियो में भी दिखी। घाटी में बीफ पर लगे प्रतिबंध का विरोध करते हुए अंद्राबी के विडियो में एक गाय को काटते हुए दिखाया गया था।

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2008 में अंद्राबी जब महज 14 साल की ही थीं, तब से वह हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा  के साथ काम कर रही हैं। बताया जा रहा है कि बहादुर पाकिस्तान में रहने वाले जमात-उद-दावा के मौलवी युसूफ असरूरी और मौलवी खालिद के भारत विरोधी भाषणों को सुना करता था। NIA के मुताबिक, जमात-उद-दावा में दूसरे नंबर के आंतकी अब्दुल रहमान मक्की के साथ भी बहादुर की एक बार मुलाकात हुई थी। भारत के खिलाफ जिहाद करने का प्रशिक्षण मिलने के बाद जब बहादुर को कश्मीर भेजा गया, तब वह वहां जंगलों में रोया करता और घर लौट जाना चाहता था।

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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर के नेतृत्व ने बहादुर को डांटा और उसे घाटी में जमे रहने को कहा। बहादुर इसी साल घुसपैठ कर 12-13 जून को कश्मीर में आया था। उसके साथ 2 अन्य आतंकी, साद और दारदा भी थे। बहादुर अपने साथियों से बिछड़ गया और उसे करीब एक महीने तक अकेले ही जंगल में रहना पड़ा। 25 जुलाई को वह गिरफ्तार हो गया।

बहादुर ने NIA को बताया है कि लश्कर ने उसे भारत में भेजते वक्त वादा किया था कि उसके लिए घाटी में खाने का भी इंतजाम किया जाएगा, लेकिन बार-बार आग्रह करने के बाद भी मुझे खाना नहीं मिला। बाद में बहादुर की मुलाकात लश्कर के ही 4 अन्य आतंकियों से हुई। बहादुर को भारतीय सेना के एक ब्रिगेडियर पर हमला करने का निर्देश दिया गया। लश्कर ने बहादुर को एक सिम कार्ड और मोबाइल देने का भी वादा किया था, लेकिन वह भी उसे नहीं मिला। बहादुर के पिता पाकिस्तान के पंजाब पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं। बहादुर कुल 9 भाई-बहन है और उसके 2 और भाई भी जमात-उद-दावा के लिए काम करते हैं।

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