नोटबंदी ने एएम जनता की तो हालत खस्ता कर ही दी है लेकिन अब इसका असर नेतों पर भी पड़ता नज़र आ रहा है। फिर चाहे वो सातधारी अप्रती हो या विपक्ष हर कोई इससे प्रभावित हो रहा है। इंडियन एक्स्प्रेस की खबर के अनुसार सीपीएम नेता को कैश की काफी दिक्कत हो रही है। और वो पैसे औरर समान उधर लेकर काम चला रहे हैं।
बैंक और एटीएम की लाइन के बारे में बात करते हुए वह बोले, “संसद वाली ब्रांच में भी लाइन इतनी लंबी है। हालांकि, हम 24 हजार रुपए निकाल सकते हैं लेकिन बैंक की लाइन देखकर मेरी हिम्मत नहीं होती। लोग हमें देखकर हट भी जाते हैं कि आप सांसद हैं पहले निकाल लीजिए, लेकिन हमारा ऐसा करने का मन नहीं करता। मेरी पत्नी और बच्चे एटीएम की लाइन में तीन-तीन घंटे तक लगे रहे लेकिन फिर भी उन्हें कैश नहीं मिला।”
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई और पुराने नोटों को उन्होंने केंद्रीय भंडार में राशन खरीदने के लिए इस्तेमाल कर लिया। यूपीआई पेमेंट को बढ़ावा देने वाले एक सेमिनार में मेनका ने कहा, “सबसे पहले हमारे मंत्रालय ने सभी कर्मचारियों को UPI इस्तेमाल करना सिखाया था। हम लोग चपरासी से लेकर ड्राइवर समेत ऑफिस के सभी लोगों को कैशलेश लेन-देन सिखा रहे हैं। हमने सोचा था कि सबसे पहले अपने दफ्तर को बदला जाए फिर दुनिया के बारे में सोचा जाएगा।” मेनका के करीबी लोगों ने बताया कि वह अबतक एटीएम नहीं गई हैं।
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