वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आम बजट की राशि समय पर खर्च होने संबंधी नया ट्रेंड सकारात्मक है। इससे सरकारी धन का सही उपयोग सुनिश्चित होता है। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने आवंटित राशि का समय पर खर्च सुनिश्चित करने के लिए अगले वित्त वर्ष से आम बजट पेश करने की तारीख भी फरवरी के अंतिम दिन से करीब महीने भर पहले मुकर्रर करने का फैसला किया है। ऐसा होने पर बजटीय प्रक्रिया एक अप्रैल को वित्त वर्ष शुरु होने से पहले ही पूरी हो जाएगी। इससे बजट में आवंटित धनराशि को समय पर खर्च करने में सहूलियत होगी। फिलहाल आम बजट फरवरी के अंतिम दिन पेश होता है और बजटीय प्रक्रिया मई के पहले सप्ताह तक पूरी हो पाती है।
ऐसे में वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीने में वांछित व्यय नहीं हो पाता। सूत्रों ने कहा कि बजट में आवंटित राशि समय पर खर्च होने आर्थिक गतिविधियों मे तेजी आएगी जिससे अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 7.1 प्रतिशत रह गयी है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 7.5 प्रतिशत थी। ऐसे में सार्वजनिक व्यय बढ़ने से विकास दर को बल मिलने की उम्मीद है।
मोदी सरकार ने चालू वित्त वर्ष के शुरुआती पांच महीनों में जहां योजनागत आवंटन की रिकार्ड राशि खर्च की है वहीं कुछ मंत्रालय इस मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं। मसलन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय अपने कुल योजनागत आवंटन 5500 करोड़ रुपये में से मात्र 23 प्रतिशत राशि ही खर्च कर पाया है। इसी तरह रेल मंत्रालय, युवा और खेल मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों संबंधी मंत्रालय का प्रदर्शन भी इस मामले में सुस्त रहा है।