अब निठल्ले अधिकारियों पर मोदी सरकार ऐसे कसने जा रही है शिकंजा

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फाइल फोटो

 

केंद्र सरकार ने आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों समेत लगभग 67,000 कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा शुरू की है। ये समीक्षा खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की पहचान करने के लिए किया जा रहा है।

 

बता दें कि यह समीक्षा सेवा तथा शासन प्रणाली को और बेहतर करने के सरकारी प्रयासों का हिस्सा है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप आचार संहिता का पालन नहीं करने वाले लोग दंड के अधिकारी हो सकते हैं। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार के लगभग 67,000 कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की जा रही है। इसके जरिए खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की पहचान होगी।

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भाषा की खबर के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि इनमें से लगभग 25,000 कर्मचारी अखिल भारतीय तथा समूह ए सेवाओं से हैं। इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय राजस्व सेवा आदि आते हैं।

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कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक ओर सरकार का रुख उच्च स्तरीय दक्षता और भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने का है। वहीं दूसरी ओर सरकार ईमानदार अधिकारियों के लिए कामकाज के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना चाहती है। आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार के कुल 48.85 लाख कर्मचारी हैं।

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