Use your ← → (arrow) keys to browse
अधिकारियों ने बताया कि दरअसल, पिछले साल अक्टूबर में पीएम मोदी ने लुधियाना में महिला बुनकरों के बीच 500 चरखे बांटे थे। इस घटना की वजह से कैलेंडर पर उनका फोटो छापने का फैसला हुआ। आपको बता दें कि इस मामले में महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने कहा कि बापू की तस्वीर हटाने के पीछे केंद्र सरकार की सोची समझी रणनीति है, ताकि वह अपनी साख बढ़ा सके।
गौरतलब है कि केवीआईसी के कैलेंडर और डायरी में आमतौर पर महात्मा गांधी के चरखा कातने वाले ऐतिहासिक फोटोग्राफ का इस्तेमाल होता आया है। लेकिन केवीआईसी के अधिकारियों ने बताया कि कैलेंडर और डायरी में महात्मा गांधी के फोटोग्राफ का इस्तेमाल नहीं करने का यह पहला मामला नहीं है। प्रधानमंत्री को खुश करने या उनके करीब दिखने के लिए ऐसा कई बार किया जा चुका है।
Use your ← → (arrow) keys to browse