हालांकि, इंडियन एयरलाइंस ने एनएसजी के लिए सिर्फ एक शर्त रखी है। कुछ साल पहले एक एेंटी हाइजैक ड्रिल के दौरान एक एयरक्राफ्ट के इंटीरियर को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद डीजीसीए को जानकारी दी गई, जिन्होंने यह मुद्दा एयरलाइंस की ओर से उठाया था। एक सूत्र के मुताबिक, ‘डीजीसीए ने सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे एयरक्राफ्ट के इमरजेंसी एक्जिट, अंदर की जगह, दूसरी जानकारियों से भली-भांति परिचित हो जाएं, लेकिन प्लेन को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।’
प्लेन को होने वाला नुकसान ही बस एक वजह नहीं है। दो साल पहले एनएसजी ने बोइंग 747 जंबो जेट में ऐसी ही एक ड्रिल की थी। यह प्लेन पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर स्टैंडबाय के लिए था। बाद में तलाशी में एक हथगोले का खोल मिलने के बाद अफरातफरी मच गई थी। बाद में पता चला कि यह डिफ्यूज किया गया खोल था, जिसका इस्तेमाल एनएसजी ने एक एेंटी हाइजैक मिशन में किया था। बाद में एनएजी से दरख्वास्त की गई कि वे अपनी प्रैक्टिस के बाद मौके पर इस्तेमाल हर चीज को सावधानी पूर्वक हटा लें।