आप किसे दोस्त बनाते हैं, यह तय करने में धर्म की भूमिका होती है। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डिवेलपिंग सोसाइटीज(CSDS) ने एक सर्वे में यह पाया कि अलग-अलग समुदायों के लोग दोस्ती के रिश्ते बनाते समय धार्मिक हित देखते हैं।
सर्वे के मुताबिक, 91 फीसदी हिंदुओं के नजदीकी दोस्त उनके अपने समुदाय से होते हैं, हालांकि, इनमें से 33 फीसदी के नजदीकी दोस्त मुस्लिम समुदाय से भी हैं। वहीं, 74 फीसदी मुस्लिमों का हिंदुओं से भी नजदीकी रिश्ता है, जबकि 95 फीसदी के घनिष्ठ मित्र समान समुदाय से ही हैं। CSDS ने पाया कि हिंदुओं और मुस्लिमों में अधिकतर ने अपने ही समुदाय से नजदीकी दोस्त बनाए। स्टडी में यह भी पाया गया कि गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक और ओडिशा में मुस्लिम समुदाय अलग-थलग रहना पसंद करता है।
अध्ययन का हिस्सा बने हिंदुओं में से 13 फीसदी मानते हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोग बहुत देशभक्त होते हैं, वहीं ईसाइयों के लिए यह आंकड़ा अलग है। 20 फीसदी हिंदू ईसाइयों को देशभक्त मानते हैं। सिखों के मामले में यह आंकड़ा 47 फीसदी का है। खुद मुस्लिमों की मानें तो 77 फीसदी मुस्लिम अपने समुदाय के लोगों को बेहद देशभक्त मानते हैं, वहीं 26 फीसदी ईसाई ऐसे हैं जो मुस्लिमों में देशभक्ति की भावना देखते हैं। सिखों की बात करें तो महज 66 फीसदी सिख को हिंदुओं में अपार देशभक्ति की भावना नजर आती है।