नई दिल्ली। सूचना के अधिकार कानून(आरटीआई) के तहत भारतीय सेना ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर में साल 2001 के बाद से सीजफायर उल्लंघन के चलते 4500 सैनिक सीमा पर शहीद हो चुके हैं।
वडोदरा के पंकज दर्वे ने इस जानकारी के लिए 22 सितंबर को अर्जी दाखिल कर इस बारे में जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में सेना ने बताया है कि कारगिल की युद्ध के बाद पाकिस्तान की ओर से सीजफायर के उल्लंघन में एलओसी पर 4675 जवानों की जान गई।
हालांकि, आरटीआई के जवाब में पिछले 16 साल के दौरान सीजफायर की कुल घटनाओं की जानकारी नहीं दी गई। जवाब में बताया गया है कि इस साल जनवरी में पठानकोट की तरह के आतंकी हमलों में 1174 जवानों की मौत हुई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार साल 2001 के बाद से 7908 आतंकी घटनाएं हुई हैं।
दर्वे ने कहा कि सितंबर में हुए उरी हमले के बाद से सीजफायर उल्लंघन को लेकर काफी हंगामा हो रहा है। इस वजह से उन्होंने यह जानने के लिए आरटीआई याचिका की कि कारगिल युद्ध के बाद से सेनाओं को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों में प्राकृतिक मौत के चलते मरने वाले जवानों की संख्यान शामिल नहीं है।