केमिकल वेपन का इस्तेमाल कर रहा है पाकिस्तान? जानिए भारत ने क्या की है तैयारी

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केमिकल वेपन

नई दिल्ली : क्या पाकिस्तान अपने दुश्मनों के खिलाफ केमिकल वेपन का इस्तेमाल कर रहा है? इस अंदेशे को देश के रक्षा मत्री मनोहर पर्रिकर के गुरुवार को दिए एक बयान से बल मिला। डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में पर्रिकर ने कहा, ‘अफगानिस्तान और उत्तरी हिस्सों से कई ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं, जहां मैंने तस्वीरों में देखा कि स्थानीय लोग शरीर पर चकत्ते या किसी तरह के केमिकल वेपंस से प्रभावित नजर आते हैं।’ रक्षामंत्री के मुताबिक, तस्वीरें विचलित करने वाली थीं।

बता दें कि हाल के वक्त में पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान सीमा से सटे इलाकों में आतंकियों के खिलाफ जबर्दस्त ऑपरेशन चलाए जाने की बात सामने आई थी। शाहबाज कलंदर की दरगाह पर हुए हमले से बौखलाए पाक ने बीते कुछ वक्त में सैकड़ों आतंकियों को ढेर कर दिया है।


हालांकि, पर्रिकर ने यह भी कहा कि वह इस वक्त इस मुद्दे की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन देश को किसी भी किस्म की जंग के लिए तैयार रहना चाहिए। पर्रिकर ने कहा कि देश पर न्यूक्लियर, केमिकल वेपन या बायलॉजिकल वेपन हमले का खतरा हो या न हो, लेकिन देश भविष्य में किसी भी आशंका से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। कार्यक्रम में रक्षा पर्रिकर ने सेना को डीआरडीओ के बनाए तीन प्रॉडक्ट सौंपे।

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1- वेपन लोकेटिंग रेडार स्वाति, जो दुश्मन के हथियारों की मौजूदगी तलाश कर उन्हें तबाह करने के लिए गाइड करेगा।
2- एनबीसी रेकी वीइकल, जो न्यूक्लियर, बायलॉजिकल और केमिकल वेपन की मौजूदगी का पता लगाने वाला वाहन है।
3- एनबीसी मेडिकल किट, जो न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल वेपन के प्रभावों से बचाने वाली दवाएं हैं।

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इस मौके पर आर्मी चीफ बिपिन रावत ने डीआरडीओ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों के साजोसामान का आधुनिकीकरण वक्त की जरूरत है।

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