नयी दिल्ली:भाषा: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पूनिया ने मोदी सरकार में ‘दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ने’ का आरोप लगाते हुए आज कहा कि भाजपा का दलित प्रेम सिर्फ दिखावा है क्योंकि यह पार्टी दलित समुदाय से जुड़े असली मुद्दों पर आंख मूंद लेती है।
बीते शुक्रवार को आयोग के अध्यक्ष पद से विदा हुए पूनिया ने ‘भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘भाजपा सरकार के आने के बाद देश भर में दलितों पर अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। आंकड़े इस बात को साबित करते हैं। भाजपा और प्रधानमंत्री जी का दलित प्रेम सिर्फ दिखावा और भाषणबाजी है। दलितों से जुड़े असली मुद्दों पर भाजपा के लोग आंखें मूंद लेते हैं। उनका मकसद सिर्फ दलितों को वोट हासिल करना है, उनके विकास की उन्हें कोई चिंता नहीं है।’’ पूनिया ने आयोग के अध्यक्ष के तौर पर तीन-तीन साल के दो कार्यकाल पूरे किए। अपनी विदाई के समय उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया था।
आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2013-14 में आयोग के समक्ष दलितों पर अत्याचार और भेदभाव से जुड़े 12,400 मामले आए जो 2015-16 में बढ़कर 17,025 हो गए। पूनिया का कहना है कि इस साल के कुछ महीनों के भीतर ही 8700 से अधिक मामले आयोग के समक्ष आए हैं। उन्होंने कहा कि अक्तूबर, 2013 में उनके आयोग के अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद से लेकर सितम्बर, 2016 तक आयोग ने दलितों से जुड़े 33,679 मामलों का निस्तारण किया।
पूनिया ने उना की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि दलितों को मत मारो, मुझे मारो। इस बयान का क्या मतलब है। उनको यह कहना चाहिए था कि जो दलितों पर अत्याचार करेगा उसको बक्शा नहीं जाएगा। उन्हें कड़ा संदेश देना चाहिए था। दरअसल, उन्होंने सिर्फ भाषणबाजी की।’