लखनऊ : समाजवादी पार्टी में सीएम अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच जारी घमासान रविवार को नए मुकाम पर पहुंच गया। अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया। शिवपाल के अलावा चार अन्य मंत्रियों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। एसपी नेता अमर सिंह की करीबी माने जाने वाली जया प्रदा से भी पद छीन लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश अमर सिंह से बेहद खफा हैं। अखिलेश ने यह बड़ा फैसला रविवार को हुई एक अहम बैठक में लिया। अखिलेश की मीटिंग में मौजूद 183 विधायकों ने अखिलेश में भरोसा जताया। मीटिंग में अखिलेश के समर्थन में एक प्रस्ताव भी पास हुआ। बैठक में शामिल नेताओं ने बताया कि अखिलेश अमर सिंह पर बेहद नाराज थे। उन्होंने अमर सिंह को दलाल तक कह दिया। मीटिंग में भाषण देने के दौरान अखिलेश यादव बेहद भावुक हो गए। उनकी बातें सुन कुछ नेताओं के आंखों में भी आंसू आ गए। अखिलेश ने कहा, ‘नेताजी मेरे नेता ही नहीं पिता भी हैं। पूरी उम्र उनकी सेवा करते रहूंगा। मेरा पार्टी को तोड़ने का कोई इरादा नहीं है। कल नेताजी की बैठक में विधायक के तौर पर जाऊंगा। पार्टी के लिए प्रचार भी करूंगा।’अखिलेश ने यह भी कहा कि वह पांच नवंबर को होने वाले रजत जयंती कार्यक्रम में भी जाएंगे।
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