सहारा रिश्वत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वकील और समाजसेवी प्रशांत भूषण द्वारा सूबत के तौर पर जो चीजें दिखाई गईं उन्हें अपर्याप्त करार देते हुए कहा कि प्रस्तुत सामग्री ऐसा आदेश देने के लिए पर्याप्त नहीं है। जिस पर भूषण ने इन आरोपों को पुनः परिभाषित करते हुए कहा कि ये एक छोटा झटका है, इसके अलावा अन्य सबूत भी है।
जनता का रिर्पोटर से बातचीत करते हुए उन्होंने कहां कि आज अगर सुप्रीम कोर्ट ये पुछता है कि ये तुम कैसे कह सकते हो कि दस्तावेज़ों में जो लिखा है वो सही है या नहीं तो ये जांच के बाद ही पता लगेगा। क्योंकि बिरला के जो दस्तावेज मिले है उसमें इनकम टैक्स अधिकारियों ने उनसे पुछताछ भी की थी। जिसमें उन्होंने माना कि हमारे पास हवाला के करोड़ो रूपये आते थे।
आपको बता दे कि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता संस्था कामनकाज को मांग के समर्थन में कोई और ठोस सबूत पेश करने के लिए 14 दिसंबर तक का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर वे कोई और ठोस सबूत लाते हैं तो कोर्ट जरूर आदेश देगा लेकिन इस सामग्री पर नहीं। इसी के चलते प्रख्यात सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को सहारा रिश्वत मामले में न्यायालय की टिप्पणी के बाद आरोपों को नये तरह से परिभाषित किया है।