जहां पूरे देश में नोटबंदी को लेकर घमासान मचा है इस बीच कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकार को 37 करोड़ के नुकसान का खुलासा हुआ है। कैग की एक रिपोर्ट में करेंसी नोट छापने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी द सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) का गड़बड़झाला उजागर हुआ है। जिससे सरकर को 37 करोड़ रूपए का नुकसान उठाना पा है।
एसपीएमसीआईएल’ करेंसी नोट छापने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। मामला है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर थे रघुराम राजन और नोट छप रहे थे डी सुब्बाराव के हस्ताक्षरों वाले। इसके चलते 37 करोड़ रूपये के करेंसी नोटों की बर्बादी की गई।
कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (सीएजी) की रिपोर्ट बताती है कि डी सुब्बाराव रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद से 4 सितंबर 2013 को ही सेवानिवृत हो गए और उनकी जगह रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर बन चुके थे। बावजूद इसके डी सुब्बाराव के हस्ताक्षर वाले 500 रुपये 100 रुपये और 50 रुपये के करेंसी वाले नोट लगातार छपते रहे।
अगली स्लाइड में पढ़ें खबर का बाकी अंश