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सवाल है कि इन आरोपों को लगाकर क्या राहुल गांधी अगस्ता-वेस्टलैंड मामले के कागजों को भी वैधानिकता प्रदान नहीं कर रहे हैं? यह मामला हमारे पूरे सिस्टम से जुड़ने जा रहा है। सहारा-बिड़ला दस्तावेजों के मामले से जुड़ी सुनवाई से वरिष्ठ जज जेएस खेहर ने खुद को अलग कर लिया है। क्योंकि प्रशांत भूषण ने अदालत की कार्यप्रणाली को लेकर कुछ सवाल किए थे।
पहली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा और बिड़ला ग्रुप के बड़े नेताओं को करोड़ों रुपए देने के मामले की विशेष जांच टीम (एसआईटी) से जांच कराने से इंकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामला क्योंकि एक बड़े जनप्रतिनिधि से जुड़ा है, सिर्फ इसलिए मामले की जांच के आदेश नहीं दे सकते। जो कागजात दिए गए हैं, उनके आधार पर जांच नहीं कराई जा सकती। क्योंकि सहारा के दस्तावेज तो पहले ही फर्जी पाए गए हैं।
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