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विकल्प स्कीम को लागू करने के पीछे की वजह है कि इससे रेलवे को टिकट रिफंड कम करना पड़ेगा जो सीधे तौर पर रेलवे के लिए फायदेमंद साबित होगा। रेल भवन के सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में रेलवे को हर साल लगभग 3500 करोड़ रुपए सिर्फ रिफंड के तौर पर चुकाने पड़ते हैं।
स्कीम के तहत ऐसा भी हो सकता है कि यात्री ने राजधानी या शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट लिया हो लेकिन सफर मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में करना पड़े। साथ ही मेल/एक्सप्रेस ट्रेन के टिकट वाले यात्रियों को राजधानी में भी सफर करने का मौका मिल सकता है। हालांकि नियम के मुताबिक, ना तो राजधानी टिकट वालों को मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करने पर रिफंड दिया जाएगा और ना ही मेल/एक्सप्रेस ट्रेन टिकट वालों से राजधानी में सफर करने पर अतिरिक्त चार्ज वसूला जाएगा।
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