दिल्ली के चर्चित सरोजनी नगर बम ब्लास्ट में फैसला सुनाते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले में हुसैन फाजिली को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। सरोजनी नगर बम ब्लास्ट मामले में हुसैन फाजिली को कश्मीर के मोहम्मद रफीक शाह आरोपी पाते हुए 2005 में गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपों से बरी होने के बाद फाजिली ने जेल में अपने साथ हुई प्रताड़नाओं के बारे में बताया जो किसी भी मानवीय समाज में स्वीकार नहीं की जा सकती हैं।
फाजिली शाॅल बनाने के कारीगर थे। उन्हें 2005 के नवंबर की वह ठंडी रात आज भी याद है। वह मस्जिद से शाम की नमाज पढक़र वापस आए थे और एक शॉल पर काम कर रहे थे, कि तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। दरवाजा खोलते हुए पुलिस की एक टीम दिल्ली बम धमाके के बारे में उनसे पूछताछ करन के लिए उन्हें साथ ले गई। 12 साल तक जेल में रहने के दौरान फाजिली की अपने माता-पिता से एक भी बार मुलाकात नहीं हुई थी।
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