शिवसेना नेता और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने पार्टी के दिवंगत नेता बाल ठाकरे की तुलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से करके नए विवाद को जन्म दे दिया है। देसाई ने ठाकरे के स्मारक के निर्माण को लेकर यह विवादित बयान दिया है। दादर के शिवाजी पार्क में ठाकरे का स्मारक प्रस्तावित है।
ठाकरे का निधन नवंबर 2012 में हुआ था। स्मारक बनने के बाद अब मेयर का आवास बायकुला जू हो जाएगा। देसाई ने संवाददाताओं से बात करते हुए पूछा, ‘‘महात्मा गांधी के लिए स्मारक बना था जबकि वह किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं थे तो फिर बालासाहेब के लिए क्यों नहीं बन सकता है।’’
भाषा की खबर के मुताबिक, वहीं शिव सेना नेता और भी कई बातें कही हैं। उन्होंने बाल ठाकरे की महात्मा गांधी से तुलना इस आधार पर क्योंकि दोनों ही किसी संवैधानिक पद पर नहीं रहे थे। देसाई ने कहा- “महात्मा गांधी के स्मारक बनाए जाते हैं जबकी वह किसी संवैधानिक पद पर नहीं थे। ऐसे बाला साहेब के लिए क्यों नहीं कर सकते?” मुंबई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान देसाई सिर्फ यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा- “लोकतंत्र में हम सभी के पास अधिकार हैं। बाला साहेब एक महान नेता थे और एक शिव सैनिक भी। आम आदमी भी चाहता है कि उनके सम्मान में उनकी प्रतिमा बनाई जाए। सरकार ने इसे बनाने को लेकर फैसला ले लिया है और इसमें कुछ गलत नहीं। ”
वहीं देसाई ने यह भी कहा कि शिव सेना संस्थापक के व्यक्तित्व को महज कुछ मापदंडों के आधार पर तौला नहीं जा सकता। उन्होंने आगे कहा- “सवाल उठाया जा रहा है कि बाला साहेब किसी पद पर नहीं थे। इसके जवाब में मैं यह पूछना चाहूंगा कि क्या माहत्मा गांधी किसी पद पर थे? महात्मा गांधी के पास कोई प्रशासनिक पद नहीं था। फिर भी उनके स्मारक बनाए जाते हैं। क्या किसी ने गांधी के स्मारक को लेकर सवाल उठाए हैं?” बता दें शिव सेना संस्थापक बाल ठाकरे की नवंबर 2012 में मृत्यु हो गई थी। मुंबई में दादर इलाके में स्थित शिवाजी पार्क के मेयर आवास पर बाल ठाकरे का स्मारक बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। वहीं नया मेयर आवास बाइकुला जू इलाके में बनाया जाएगा।