चुनाव के वक्त बीजेपी ने सभी के अकाउंट में 15-15 लाख रुपये जमा करने के सपने दिखाए थे। लेकिन आजतक किसी के खाते में एक भी पैसा जमा नहीं हुआ। लेकिन मुंबई पुलिस अगले कुछ दिनों में करो़ड़ों रुपये ट्रांसफर करने वाली है। यह रकम उन्हीं निवेशकों को मिलेगी, जिनकी रकम पिछले दो दशकों में डूबी है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह वह रकम है, जिन्हें बांटने का पुलिस कोर्ट से आदेश निकलवा चुकी है। हमें पता चला है कि यह रकम 11 उन बड़ी कपंनियों की प्रॉपर्टी को बेचकर मिली है, जिन्होंने हजारों निवेशकों को ठगा था। इनमें से किसी के 50 हजार तो किसी के 20 से 25 लाख या इससे भी अधिक डूबे थे। इन्हीं 11 कंपनियों के निवेशकों को यह रकम मिलेगी। पुलिस ने इन कंपनियों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए हैं।
इन रुपयों को बांटने की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएगी और इसके लिए भायखला में एक स्पेशल सेल भी बनाया जा रहा है। हालांकि, मुंबई पुलिस ने इस सेल के लिए शहर में कई जगहें देखीं, पर बाद में इसे भायखला ट्रैफिक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर बिल्डिंग में खोलने का फैसला किया गया, क्योंकि यहां निवेशकों की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए काफी जगह है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इ स सेल को एसीपी रैंक का एक अधिकारी सुपरवाइज करेगा। उसके अंडर में एक सीनियर पीआई, एक पीएसआई, एक एपीआई और आठ सिपाही होंगे। इस सेल को गाड़ियां व बाइक भी दी जाएंगी। जिन 11 कंपनियों से पुलिस को यह रकम मिली है, उन कंपनियों ने सन 1998 से 2005 तक निवेशकों को ठगा था। पुलिस को उम्मीद है कि बहुत जल्द उसे कई और ठग कंपनियों के मामलों में भी निवेशकों को रकम बांटने के संबंध में कोर्ट से आदेश मिल सकता है।
फिलहाल पुलिस इन दिनों दो मामलों से मिली कुल 5 करोड़ 63 लाख रुपये रकम निवेशकों के अकाउंट में ट्रांसफर कर रही है। इस रकम के लिए निवेशक जीपीओ के पास डीजीपी जोन वन के दफ्तर में स्थित आर्थिक अपराध शाखा की ब्रांच में जा रहे हैं। यहां निवेशकों को पुलिस को अपने सभी पुराने दस्तावेजों को दिखाना पड़ता है, साथ ही उन्हें उन अकाउंट नंबरों का कैंसल लिखा हुआ चेक भी देना पड़ता है, जिन अकाउंट नंबरों में वे पुलिस को रकम ट्रांसफर करने का अनुरोध करते हैं।