उरी हमले में मारे गए 19 जवानों की शादत का बदला लेने के तौर की किए गए सर्जिकल ऑपरेशन में ISRO की मादा ली गयी थी। इस ओएप्रतिओन में पहली बार सेना द्वारा इसरो के कार्टोसैट सैटलाइट्स का इस्तेमाल किया गया है। आपको बता दें यह सैटेलाइट पिछले साल जून में लॉंच की गयी थी। इसरो के सूत्रों के मुताबिक, लाइन ऑफ कंट्रोल पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक में आर्मी को सैटलाइट से मिली हाई रेजॉल्यूशन तस्वीरों से बड़ी मदद मिली।
इसरो के एक सूत्र ने बताया, ‘हम सेनाओं को तस्वीरें उपलब्ध कराते रहे हैं, खासकर आर्मी को। हालांकि मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं कि बीते सप्ताह में हमने किसी खास दिन कोई खास तस्वीर भेजी थी। कार्टोसैट इमेज इसी उद्देश्य के लिए होती है और आर्मी ने इनका इस्तेमाल किया है।
हालांकि इसरो और रक्षा मंत्रालय, दोनों ने कार्टोसैट परिवार के सैटलाइट के इस्तेमाल पर कुछ नहीं बूला है। इन सैटलाइट को एक्सपर्ट्स भारत की ‘आई इन द स्काई’ कहते हैं। कार्टोसैट-2C से भारतीय सेना का निगरानी तंत्र और ज़्यादा मजबूत हो गया है। यह सेना को पहले की तुलना में ज़्यादा बेहतर रेजॉल्यूशन वाली तस्वीर उपलब्ध करवा रहा है। इससे सेना को 0.65 मीटर्स की हाई रेजॉल्यूशन तस्वीरें प्राप्त हो रही हैं।
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