सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच अब खुद भारतीय सेना इससे जुड़े संशय के बादल हटाने को सामने आई है। इस सैन्य ऑपरेशन को लेकर सारी कहानी अब सेना ने सांसदों से साझा की है। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत ने 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में शुक्रवार को संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति को अवगत कराया। सर्जिकल स्ट्राइक के ‘सबूतों’ को लेकर हो रही राजनीति के बीच इस घटनाक्रम को बेहद अहम माना जा रहा है।
ऐसा पहली बार है, जब सांसदों को सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी दी गई है। इससे पहले भारतीय डीजीएमओ ने बयान जारी करके पहली बार इस जवाबी हमले की सार्वजनिक घोषणा की थी। बाद में केंद्र सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग के जरिए विभिन्न दलों को इस बारे में बताया था।
आर्मी वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत ने संसदीय कमिटी को बताया कि कमांडो ऐक्शन के पहले इस बात की जानकारी मिली थी कि एलओसी के पार बने लॉन्च पैड्स पर आतंकवादी मौजूद हैं। उनका मकसद जम्मू-कश्मीर में कई लक्ष्यों को निशाना बनाना था। विपिन रावत ने कमिटी को बताया कि भले ही भारत ने कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी डीजीएमओ को जानकारी दी हो, लेकिन भविष्य के हालात पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। अगर पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए न होने देने का वादा पूरा नहीं करता तो ऐसा कदम दोबारा उठाया जा सकता है।
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