अस्पताल से ही विदेश मंत्रालय का काम-काज संभाल रही हैं सुषमा स्वराज

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सुषमा स्वराज
फाइल फोटो

बीमारी की वजह से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दिल्ली के AIIMS में भर्ती हैं, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी से मंत्रालय के कामकाज पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। सुषमा AIIMS से ही जरूरी फाइलों को मंजूरी दे रही हैं और चर्चाएं कर रही हैं, वहीं उनके दो जूनियर मंत्री विदेशी नेताओं के राजकीय दौरों पर सुषमा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

नवभारत की खबर के मुताबिक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार को भी सक्रिय दिखीं। उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स का संज्ञान लिया जिनमें इस साल मार्च में दिल्ली में एक अमेरिकी पर्यटक से गैंगरेप की खबर थी। उन्होंने ट्वीट कर भरोसा दिलाया कि पीड़ित को इंसाफ मिलेगा और गुनहगार को छोड़ा नहीं जाएगा।

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सुषमा स्वराज की किडनी खराब हो गई है और वह दिल्ली AIIMS में अपना इलाज करा रही हैं। स्वराज अमृतसर में होने वाले ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में नहीं जा रही हैं क्योंकि उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जरूरी कई जांच करवाने पड़ रहे हैं। हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में सुषमा की जगह वित्तमंत्री अरुण जेटली हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि दोनों विदेश राज्य मंत्री एम. जे. अकबर और वी. के. सिंह इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं जिसमें 40 देशों के विदेश मंत्रियों और बड़े अधिकारियों के अलावा अफगानिस्तान के राष्ट्र प्रमुख भी शिरकत कर रहे हैं।

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सूत्रों ने बताया कि सुषमा स्वराज लगातार विदेश सचिव एस. जयशंकर के संपर्क में हैं। दोनों फोन पर बातचीत के अलावा व्यक्तिगत तौर पर भी मिल कर पॉलिसी से जुड़े मुख्य मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। सुषमा के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि विदेश मंत्री अपने ऑफिस के भी नियमित संपर्क में हैं और जरूरी फाइलों के साथ-साथ नोट्स को निपटा रही हैं।

एक और सूत्र ने बताया, ‘दोनों विदेश राज्यमंत्री- वी.के. सिंह और एम.जे. अकबर के पास कुछ विशेष जिम्मेदारियां हैं। सिंह जहां लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया पर ध्यान दे रहे हैं, वहीं अकबर का फोकस यूरोप, पश्चिम और मध्य एशिया पर है। चूंकि अकबर के विदेश मंत्री बनने के बाद मंत्रालय में दो राज्यमंत्री हो चुके हैं, इसलिए स्वराज मुख्यतौर पर पड़ोसी देशों और महाशक्तियों पर फोकस कर रही हैं।’

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एक महीने से ज्यादा वक्त से दोनों राज्यमंत्रियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है, जैसे विदेशी अतिथियों के स्वागत। इसी बीच इजरायल के राष्ट्रपति भी भारत दौरे पर आए थे जहां सुषमा की कमी को विदेश राज्यमंत्री ने पूरा किया। सुषमा आखिरी बार जिस विदेशी मेहमान से मिली हैं वो श्रीलंका के विदेश मंत्री हैं। अक्टूबर में उन्होंने गोवा में हुई भारत-रूस, BRICS और BIMSTEC मीटिंग में हिस्सा लिया था।