UN की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत मानव विकास सूचकांक में 188 देशों की सूची में 131वें स्थान पर है।भारत को ‘मध्यम मानव विकास’ श्रेणी में रखा गया है जिसमें बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान, केन्या, म्यांमा और नेपाल जैसे देश शामिल हैं। भारत के लोग इस पर संतोष कर सकते हैं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश इस सूची में भारत से नीचे हैं, लेकिन इस बात से उन्हें परेशान होना चाहिए कि चीन और श्रीलंका उच्च विकास वाले देशों की श्रेणी हैं, जबकि मालदीव (105वें) भी खासा ऊपर है।
UN विकास कार्यक्रम सालाना आधार पर रिपोर्ट जारी करता है। भारत का एचडीआई रैंक मूल्य 2015 में 0.624 रहा जो 2010 में 0.580 था।
रिपोर्ट की खास बातें
रिपोर्ट के मुताबिक इसमें जीवन प्रत्याशा 2015 में 68.3 रही तथा प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 5,663 डालर रही।
सुरक्षित महसूस करने की धारणा के आधार पर 69 प्रतिशत ने `हां‘ में जवाब दिया।
विकल्प की आजादी के मामले में 72 प्रतिशत महिला प्रतिभागियों ने संतुष्टि जतायी जबकि पुरूषों के मामले में यह 78 प्रतिशत था।
रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जीवन संतुष्टि के मामले में।-10 के पैमाने पर 4.3 अंक प्राप्त किया।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार 2014-15 की अवधि के दौरान सरकार के बारे में धारणा को लेकर 69 प्रतिशत ने कहा कि वे सरकार में भरोसा करते हैं जबकि 74 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है।
रिपोर्ट में भारत में रोजगार सृजन के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम जैसे उपायों की सराहना की गई है।
बता दें मानव विकास सूचकांक (HDI) एक सूचकांक है, जिसका उपयोग देशों को “मानव विकास” के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है। इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित है। मानव विकास सूचकांक (HDI) का इस्तेमाल किसी देश के मानव विकास के स्तर को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इसके जरिए किसी देश में बुनयादी मानवीय सुविधाओं की औसत प्राप्ति को मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) द्वारा नापा जाता है.