भारत में पहली बार पढ़ाया जाएगा जनसंहारों का इतिहास, सिलेबस में हुआ शामिल, जानिए सबसे पहले कहां पढ़ाया जाएगा

0
जनसंहारों
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

पश्चिम बंगाल के प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी ने जनसंहारों के इतिहास पर एक सिलेबस शुरू किया है, जिसमें जर्मनी में यहूदियों की सामूहिक हत्या पर स्टडी भी शामिल है। 20वीं सदी से अब तक के इतिहास के आधार पर इस सिलेबस को तैयार किया गया है। जनसंहारों के कारणों और इससे बच सकने के उपायों के बारे में बताया गया है।

इसे भी पढ़िए :  महाराष्ट्र से ISIS का संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद

सिलेबस के कोऑर्डिनेटर नवरस जाट आफरीदी के अनुसार, प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी एकमात्र ऐसा संस्थान है, जहां यहूदी जनसंहार (होलोकॉस्ट) पर कोई सिलेबस है। चीन और इजराइल के अलावा एशिया के किसी देश के यूनिवर्सिटी होलोकास्ट पर सिलेबस नहीं चलाते। इस सिलेबस का टाइटल ‘ए हिस्ट्री ऑफ मास वॉयलेंस : 20 सेंचुरी टू द प्रेजेंट’ रखा गया है और इतिहास से एमए करने वाले स्टूडेंट्स को थर्ड सेमेस्टर के दौरान पढ़ाई जाएगी।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी: ब्रिटेन की कंपनी ने केजरीवाल को दिया करारा जवाब

इस सिलेबस में आर्मीनिया, बुरुंडी और पोलपोट जनसंहारों  के अलावा इंडोनेशिया में 1965-1966 में हुए जनसंहार और बोस्निया-हर्जेगोविना के युद्ध को भी शामिल किया गया है।

इसे भी पढ़िए :  RBI के नए डिप्टी गवर्नर होंगे विरल आचार्य

अगले पेज पर जानिए- भारत में हुए जनसंहार इस सिलेबस में हैं या नहीं

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse