डिजिटल माध्यमों से ट्रांजैक्शन कैश ट्रांजैक्शन की तरह मुफ्त में नहीं है। डिजिटल ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेना पड़ता है। बैंको के जरिए होने वाले डिजिटल ट्रांजैक्शन की कॉस्ट बैंक भरते हैं। वहीं किसी दुकान से खरीदारी के लिए होने वाले डिजिटल ट्रांजैक्शन को दुकानदार की जेब से निकाला जाता है। इसके अलावा किसी डिजिटल ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए कंज्यूमर को भी इंटरनेट बैंकिग, मोबाइल बैंकिग जैसी अन्य सेवाओं को इस्तेमाल करने के लिए एक कॉस्ट अदा करनी पड़ती है।
पिछले हफ्ते संसद की पब्लिक अकाउंट समिति ने रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय से पूछा था कि वह नोटबंदी के बाद देश में आम आदमी को हो रही दिक्कतों को कम करने के लिए क्या कदम उठा रही है।