5 राज्यों में हुए चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस आलाकमान को गहरा झटका लगा है। सिर्फ एक राज्य पंजाब में उसे सरकार बनाने का मौका मिला है, जबकि मणिपुर और गोवा में ज्यादा सीटें होते हुए भी वह सरकार नहीं बना पाई और दोनों राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्रियों ने शपथ ले ली। कभी देश की राजनीति पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी आज फर्श पर है। पार्टी के पास कोई एेसा नेता नहीं है जो मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने टिक सके। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में पार्टी कई चुनाव हारी है। यहां तक कि उसके गढ़ माने जाने वाले राज्य उसके हाथ से निकल गए। अमेठी और राजबरेली में बीजेपी उम्मीदवारों की जीत से सोनिया और राहुल गांधी के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। कई राजनीतिक पंडित तो यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि हालात यही रहे तो पार्टी कहीं 2019 के लोकसभा चुनावों तक गायब ही न हो जाए। आइए आपको बताते हैं एेसे कारण जो इशारा करते हैं कि पार्टी कहीं 2019 तक खत्म ही न हो जाए।
2019 में कौन बनेगा पीएम कैंडिडेट?
मौजूदा दौर में कांग्रेस के पास एेसा कोई नेता नहीं है जो लोगों के बीच लोकप्रिय हो या जिसकी कांग्रेस में अलग धाक हो। पार्टी सिर्फ अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के ही कंधों पर टिकी हुई है। राहुल के विरोध में समय-समय पर बागी सुर उठते ही रहे हैं। लिहाजा पार्टी उन्हें पीएम कैंडिडेट बनाने से पहले 100 बार सोचेगी। मनमोहन सिंह शायद ही दूसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हों। लिहाजा पार्टी के सामने अपना नया नेता चुनने की बड़ी चुनौती है, जो उसकी डूबती नैया को पार लगा सके।