नई दिल्ली। राजनीति और चुनावी क्षेत्र के विभिन्न विशेषज्ञों ने देश भर में एक साथ चुनाव कराने के विषय पर विचार व्यक्त किये। अधिकतर वक्ताओं ने अलग-अलग लोकसभा और राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने की प्रक्रिया के जारी रहने पर रजामंदी जताई।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा कि ‘‘भारत विविधता से भरा हुआ देश है और एक साथ चुनाव कराने का विचार संघीय ढांचे की भावना के साथ मेल नहीं खाता। इसके अलावा, एक चुनाव से ईवीएम मशीनों की संख्या के साथ साजोसामान जैसे बोझ में इजाफा हो जाता है और राजस्व पर भारी खर्चा आएगा।’’
एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स द्वारा यहां आयोजित ‘एक साथ चुनाव- संभावनाएं और चुनौतियां’ विषय पर सामूहिक परिचर्चा में वह बोल रहे थे।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव ने कहा कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की जगह मॉडल एक राष्ट्र होना चाहिए और व्यवस्थित तरीके से निर्धारित चुनाव कराने की प्रक्रिया की व्यवस्था होनी चाहिए।