दुनिया के नक्शे से कभी भी मिट सकता है मालदीव का नाम

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मालदीव

पानी के बिना ज़िंदगी का तसव्वुर भी मुमकिन नहीं. क्योंकि जल ही जीवन है. लेकिन अगर इसे गुस्सा आ जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता है.समुद्र किनारे बसने वाले तो अक्सर ही समुद्र के गुस्से को बर्दाश्त करते हैं. हिंद महासागर के पास बसा देश मालदीव इससे अछूता नहीं है. इसीलिए उसे अल्पकालिक देश कहा जाता है. मतलब आने वाले वक़्त में मालदीव, दुनिया के नक़्शे से मिट जाने का डर है.

असल में मालदीव समुद्र के स्तर से थोड़ा नीचा है, लिहाज़ा जब भी समुद्र की लहरें उफान भरती हैं तो इसे अपनी चपेट में ले लेती हैं. हर साल बदलती धरती की आबो-हवा भी इसमें बड़ा रोल निभाती है. सबसे बुरा हाल तो तब होता है, जब अचानक समुद्र में तूफ़ान आता है और सुनामी जैसे हालात पैदा हो जाते हैं.

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दरअसल जब समुद्र में एक के बाद एक ऊंची लहरें उठती हैं तो इससे समुद्र की गति में भी बदलाव आता है. और सुनामी आ जाती है जो अपने साथ जान-माल का भारी नुक़सान लाती है. अमरीकी नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक़ प्रशांत महासागर में 71 फ़ीसद मौक़ों पर सुनामी आने के हालात बने रहते हैं. इसके अलावा भूकंप के चलते भी सुनामी आ सकती है.

लेकिन, कई मर्तबा समुद्र में इतनी जल्दी हलचल होती है और सुनामी आ जाती है कि लोगों को हटाने के लिए बीस मिनट तक का समय नहीं मिल पाता. और हज़ारों जाने पल भर में चली जाती हैं. हाल की वर्षों में सबसे ख़तरनाक सुनामी हिंद महासागर में साल 2004 में आई थी जिसने क़रीब 15 देशों में दो लाख अस्सी हज़ार जानें निगल ली थी.

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मालदीव दुनिया के बेहद खूबसूरत देशों में शामिल है. हर साल दुनिया भर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं. करीब 1200 द्वीपों में बसा यह देश भारत के दक्षिणी सिरे से करीब 595 किलोमीटर दूर है.यहां के रिसॉर्ट अलग अलग द्वीपों पर बने हैं. कोई पर्यटक 40 डॉलर प्रति पैग की दर पर साफ़ पानी के पूल में शैंपेन के घूंट भर सकता है. इसके बाद रुसी कैवियार और वागेयू स्टीक खा सकता है. एयर कंडीशन सुइट में आधुनिकतम वीडियो गेम खेल सकता है. दुनिया की हर सुविधा आपके सामने मिनटों में हाजिर हो जाएगी. लेकिन इन सबके बावजूद मालदीव के दुनिया के नक्शे से ग़ायब होने का ख़तरा है.दरअसल मालदीव दक्षिण एशिया का वैसा देश है जिस पर जलवायु परिवर्तन के चलते सबसे ज़्यादा ख़तरा बना हुआ है. लेकिन यहां के होटलों और रिसॉर्ट में काम करन वालों के चेहरों पर हमेशा मुस्कान देखने को मिलती है.

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एक रिसॉर्ट में काम करने वाले मालदीवी नागरिक मंसूर कहते हैं, “जलवायु परिवर्तन को लेकर मैं चिंतित हूं, समुद्री वनस्पितियों, पर्यावरण और प्रदूषण सबको लेकर. लेकिन मैं क्या कर सकता हूं, मैं नहीं जानता हूं?”