आज है ‘अप्रैल फूल’, पागल बनायें लेकिन जरा संभलकर

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कुछ लोगों का मानना है कि 1582 में नए कैलेंडर का आविष्कार हुआ। इसके पहले के कैलेंडर के अनुसार एक अप्रैल से नए साल की शुरुआत होती थी। इस दिन लोग एक दूसरे को जोक्स भेज कर और उनके साथ प्रैंक करके उन्हे बेवकूफ बनाते थे। इस गेम में जब सामने वाला बेवकूफ बन जाता है तो उसे अप्रैल फूल के नाम से संबोधित किया जाता है। तभी से ये ट्रेंड पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया।

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उपरोक्‍त मान्‍यताओं के अलावा अप्रैल फूल डे को लेकर और भी कई मान्‍यताएं हैं। जिनमें एक यह भी है कि साल 1564 से पहले यूरोप के अधिकांश देशों मे एक जैसा कैलंडर प्रचलित था, जिसमें नया साल एक अप्रैल से शुरू होता था। 1564 में वहां के राजा चार्ल्स नवम् ने एक नया कैलेंडर अपनाने का आदेश दिया, जिसमें एक जनवरी से नया साल माना गया था।

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ज्‍यादातर लोगो ने इस नए कैलंडर को अपना लिया, लेकिन कुछ लोगों ने इस नए कैलंडर को अपनाने से इनकार कर दिया। वे लोग एक अप्रैल को ही साल का पहला दिन मानते थे। इन लोगों को मूर्ख समझकर नया कैलंडर अपनाने वालों ने एक अप्रैल को ‘फूल्स डे’ के रूप में मनाया।

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खैर, हमारी तो आपसे यही गुजारिश है कि आप भी अपने दोस्तों और जानने वालों के साथ इस दिन को मनायें, फनी जोक्स के साथ या फिर फ्रैंक्स करके उन्हें फूल बनायें लेकिन जो भी करें उसे एक लिमिट में रहकर करें ताकि किसी को बुरा न लगे और अपके रिशते भी बेहतर बने रहें।

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