गौतम पर लगे गंभीर आरोप, चार मैच के लिए बैन किया गया

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गौतम गंभीर
फाइल फोटो

भारत के अनुभवी सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर पर शनिवार को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में चार मैचों का प्रतिबंध लगा दिया गया। उनके ऊपर लगे इस प्रतिबंध का कारण इसी साल विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली टीम के कोच भास्कर पिल्लई के साथ हुआ विवाद है। फैसले के बाद सलामी बल्लेबाज ने कहा कि वह इस फैसले इसका पालन करेंगे।

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के प्रशासक न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन द्वारा गठित जांच समिति में चेयरमैन मदन लाल, राजेंद्र आर राठौड़ और एडवोकेट सोनी सिंह शामिल थे, जिन्होंने गंभीर को दोषी पाया और इस बल्लेबाज के बर्ताव को गंभीर और अनुचित करार किया।

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हालांकि सेन ने फैसला किया कि अगर गंभीर इस आदेश को स्वीकार कर लेते हैं और इस तरह की कोई गलती नहीं करते हैं तो उन पर 30 मार्च 2019 तक समाप्त होने तक दो साल तक यह सजा निलंबित रहेगी।

सेन ने बयान में कहा, ‘यह घटना तब हुई थी जब डीडीसीए की टीम ओड़िशा में थी और गौतम गंभीर और भास्कर पिल्लई के बीच टकराव हुआ था और कोच ने एक शिकायत दर्ज करायी थी। इसके बाद मैंने 10 मार्च 2017 को दोनों व्यक्तियों से मुलाकात की। यह मामला सौहार्दपूर्ण और संतोषजनक तरीके से नहीं निपटाया जा सका।’

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उन्होंने कहा कि समिति के सदस्य इस बात से सहमत थे कि गंभीर का बर्ताव पिल्लई के खिलाफ अनुचित था जो काफी गंभीर बात है इसलिये सिफारिश की गई कि इस बर्ताव की सजा जरूरी है, लेकिन यह इस तरीके से किया जाये कि इसका दोहराव नहीं हो और टीम के सभी सदस्यों द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाये।

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अपनी प्रतिक्रिया में गंभीर ने कहा कि वह फैसले का पालन करेंगे। उन्होंने कहा, मैंने न्यायमूर्ति सेन का आदेश देखा है और इसका पालन करूंगा। इसका मतलब है कि गंभीर अगर अगले दो वर्षों में इस तरह का व्यवहार नहीं करते हैं तो उन पर एक भी मैच का प्रतिबंध नहीं लगेगा।