श्रीलंका के खिलाफ सोमवार को पहले वनडे में शतक लगाकर भारत को जीत दिलाने के बाद धवन ने कहा कि ,‘अगले विश्व कप में अभी काफी समय है। मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। यही मेरा लक्ष्य है क्योंकि अगर मैं अच्छा नहीं खेला तो टीम में इतने महान बल्लेबाज है कि मेरी जगह कोई भी ले सकता है।’ उन्होंने कहा,‘नाकामी आपको बहुत कुछ सिखाती है और मैं खुशकिस्मत हूं कि मैने वह सबक सीखा।’ खराब दौर के बारे में उन्होंने कहा कि ,‘मैं पहले ही खराब दौर से गुजर चुका हूं तो इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता। जब यह आना होगा, तब आयेगा। मैं उसका भी स्वागत करुंगा। जब मैं अच्छा नहीं खेल रहा था तब भी प्रक्रिया पर ध्यान था। अब अच्छा खेलने पर भी प्रक्रिया पर ही ध्यान है।’
शानदार फॉर्म में चल रहे शिखर धवन उस खराब दौर को नहीं भुले है जिसकी वजह से उन्हें टीम से बाहर रहना पड़ा था और उनका कहना है कि नाकामियों ने उन्हें अहम सबक सिखाया है। धवन को खराब फॉर्म के कारण पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था। वह इस साल चैम्पियंस ट्राफी के लिये टीम में लौटे और तब से शानदार फॉर्म में है।
श्रीलंका दौरे पर धवन ने गाले और पल्लेकेले टेस्ट में भी शतक जमाये थे। उन्होंने कहा कि चैम्पियंस ट्राफी 2013 में भी वह ऐसे ही फार्म में थे जब आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट शतक जमाया था। धवन ने कहा कि ,‘जब मैने 2013 चैम्पियंस ट्राफी में वनडे टीम में वापसी की तो इसी तरह धाराप्रवाह बल्लेबाजी कर रहा था। इस बार भी चैम्पियंस ट्रॉफी में वही लय थी।’ उन्होंने कहा कि टीम के युवा खिलाड़ियों के स्तर तक रहने के लिये उन्हें अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान देना पड़ता है। उन्होंने कहा ,‘खेल की रफ्तार के मुताबिक मुझे खुद को फिट रखना होगा. इसके अलावा मेरे ज्यादा लक्ष्य नहीं है कि मुझे इतने रन बनाने है। मैं अपनी फिटनेस, कौशल और फील्डिंग पर फोकस करता हूं।’
धवन ने श्रीलंकाई टीम के प्रति हमदर्दी जताते हुए कहा,‘यह युवा टीम है और बदलाव के दौर से गुजर रही है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में परिपक्व होने के लिये अनुभव जरूरी है। ये लड़के अच्छे है और समय के साथ बेहतर होंगे।’