कोलकाता टेस्ट में टॉस जीतकर टीम इंडिया का पहले बल्लेबाजी करने का फैसला रास नहीं आया। कोलकाता दूसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल खत्म होते होते भारत ने 86 ओवर में 239 रन बनाकर 7 विकेट गंवाए। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने साहसिक बल्लेबाजी कर टीम इंडिया को संकट से उबारने की कोशिश तो की लेकिन अन्य बल्लेबाजों की नाकामी ने उनकी मेहनत पर पानी डाल दिया।
ईडन की नई पिच पर भारतीय बल्लेबाजों को शुरू से ही बल्लेबाजी करने में दिक्कत आ रही थी। न्यूजीलैंड की पेस बैटरी ने अनुशासित गेंदबाजी करते हुए बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका ही नहीं दिया। ओपनर मुरली विजय का साथ देने चेतेश्वर पुजारा क्रीज पर आए और दोनों ही संघर्ष करते दिखे। इस बीच मुरली 29 गेंदों में 9 रन बनाकर अपना कैच विकेट के पीछे थमा दिया। हेनरी की गेंद पर विकेटकीपर सीजे वाटलिंग ने कैच आउट कराया।
महज 28 रन पर दोनों ओपनर्स को खोने के बाद टीम को उम्मीद थी कि कप्तान विराट कोहली बड़ी पारी खेलकर संकट से बाहर निकालेंगे। कोहली ने पुजारा के साथ पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन यह जोड़ी भी ज्यादा देर तक क्रीज पर जमी नहीं रह सकी और 18 रनों की साझेदारी के बाद टूट गई। कोहली इस मैच की पहली पारी में भी 9 रन बनाकर आउट हो गए। तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने कोहली को कैच आउट कराया।
पहले सत्र में 3 विकेट गिरने के बाद भारत ने लंच के बाद जब अपनी पारी शुरू की तो चेतेश्वर पुजारा (87) और अजिंक्य रहाणे (77, 157 गेंद, 11 चौका) ने भारतीय पारी को 57 रन से आगे बढ़ाया। पहले सत्र में 3 बड़े विकेट गंवाने के साथ ही रन बनाने की धीमी गति के कारण इस सत्र में बल्लेबाजों का तेज बल्लेबाजी का भी दारोमदार था। भारत ने इस सत्र में 31 ओवर में 79 रन ही बना पाया।
पुजारा ने अपनी धीमी पारी को उसी गति में आगे बढ़ाया और 146 गेंदों में अर्धशतक में बदल दिया। दोनों ने धीमी बल्लेबाजी जरूर की लेकिन अपना विकेट बचाने में कामयाब रहे। फिर टी-ब्रेक के बाद रहाणे ने भी अर्धशतक ठोंक दिया। इस बीच दोनों ने चौथे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी (141) करते हुए टीम को 150 के पार पहुंचा दिया।