इतिहासकार रामचंद्र गुहा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई में प्रशासनिक कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया है और साथ ही कमिटी के अध्यक्ष और पूर्व सीएजी विनोद राय को पत्र लिख कर सात सवाल दागे हैं। पत्र में उठाए गए सवालों के जरिए गुहा ने अपने पद से इस्तीफा देने की वजह की तरफ भी इशारा किया है। हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जानकारी भी सामने आ रही है कि उन्होंने निजी वजहों से पद से इस्तीफा दिया है।
वहीं गुहा ने पत्र में बीसीसीआई की सात बड़ी गड़बड़ियों का जिक्र किया है है जो इस प्रकार है।
-उन्होंने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय कोच IPL की कीमत पर राष्ट्रीय टीमों के साथ समझौता करते हैं। दिल्ली डेयरडेविल के कोच राहुल ड्रविड भारत ए और जूनियर टीम के भी इंचार्ज हैं!
-गुहा ने एम एस धोनी को ए श्रेणी में रखने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा- “टेस्ट नहीं खेलने पर भी धोनी को ए श्रेणी में रखा गया जबकि अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कुंबले पर सवाल उठाए गए। क्रिकेट टीम के कोच के मुद्दे को संभालने का यह एक बेहद ही अन-प्रोफेश्नल तरीका था।”
क्या है चिट्ठी में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेयरमैन विनोद राय को लिखे लेटर में गुहा ने कई बिंदुओं में अपनी राय रखी है। उन्होंने खास तौर पर भारतीय क्रिकेट के सितारों को निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुपरस्टार सिंड्रोम ने भारतीय टीम के कॉन्ट्रैक्ट को प्रभावित किया है। उनके मुताबिक, बीसीसीआई बड़े क्रिकेटरों को खास तवज्जो देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीओए हितों के टकराव संबंधित मुद्दों को हल करने में नाकाम रहा। गुहा ने कहा कि राष्ट्रीय टीम के कोच आईपीएल के लिए असली काम को नजरअंदाज कर रहे हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच राहुल द्रविड़ इस वक्त इंडिया ए और इंडिया जूनियर टीम के कोच भी हैं। वहीं, बीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट पर बतौर कॉमेंटेटर काम कर रहे सुनील गावस्कर को प्लेयर मैनेजमेंट कंपनी के प्रमुख होने पर भी सवाल उठाए हैं।