शशांक मनोहर ने आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। वह सिर्फ आठ महीने के लिए पद पर रहे। उन्होंने इसके पीछे व्यकिगत कारण बताया है। आईसीसी चेयरमैन बनने से पहले वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के चेयरमैन थे। बीसीसीआई चीफ का पद छोड़ने के बाद मई 2016 में वह क्रिकेट की वैश्विक संस्था अंतररराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के पहले स्वतंत्र अध्यक्ष बने थे।
हाल ही में आईसीसी का बीसीसीआई से आर्थिक हितों को लेकर छिड़ा विवाद काफी कड़वाहट में तब्दील हो गया था। इस मामले को लेकर वह बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों के निशाने पर रहे। बीसीसीआई के अधिकारी यह महसूस कर रहे थे कि आईसीसी में होने के बावजूद मनोहर भारत के हितों की रक्षा नहीं कर रहे थे।
इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘क्रिकेट की वैश्विक संस्था के स्वंतत्र चेयरमैन के तौर पर मैं वहां आईसीसी के हितों की रक्षा के लिए हूं। बीसीसीआई के हितों की रक्षा करने के लिए मैं उस पद पर नहीं हूं।’ बीसीसीआई इस बात से नाराज था कि आईसीसी ने इंग्लैंड में आयोजित होने वाले चैंपियंस ट्रोफी टूर्नमेंट के लिए लगभग 135 मिलियन डॉलर का बजट तय किया है, जबकि भारत को टी-20 विश्व कप के आयोजन के लिए महज 45 मिलियन डॉलर ही मिले थे।