सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को भारतीय ओलंपिक संघ का आजीवन सदस्य बनाए जाने के बाद से ही विरोध हो रह है। अब खेल मंत्रालय ने आईओए को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा, कलमाड़ी और चौटाला को हटाए जाने या उनके इस्तीफा देने तक खेल मंत्रालय आईओए के साथ कोई व्यवहार नहीं करेगा। वहीं दूसरी ओर ख़बर है कि सुरेश कलमाड़ी ने ओलंपिक संघ में कोई भी पद लेने से इंकार कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कलमाड़ी के वकील ने कहा कि वे (सुरेश कलमाड़ी) सभी आरोपों से बरी होने के बाद ही कोई पद स्वीकार करेंगे।
इससे पहले विजय गोयल ने दागी सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने के लिये भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का आड़े हाथों लेते हुए मंगलवार (27 दिसंबर) को कहा था कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि ये दोनों आपराधिक और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। आईओए ने चेन्नई में मंगलवार को अपनी वार्षिक आम सभा में राष्ट्रमंडल खेल 2010 के दागी कलमाड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक अन्य पूर्व अध्यक्ष चौटाला को मानद आजीवन अध्यक्ष बनाने का फैसला किया।
कलमाड़ी 1996 से 2011 तक आईओए अध्यक्ष रहे और उन्हें 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में घोटाले में संलिप्तता के कारण दस महीने जेल की सजा काटनी पड़ी थी। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। चौटाला दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए अध्यक्ष रहे। उस समय अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने चुनावों में आईओए को निलंबित कर रखा था क्योंकि उसने चुनावों में ऐसे उम्मीदवार उतारे थे जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल थे। आईओए अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव को आईओसी ने रद्द कर दिया था। आईओए संविधान में संशोधन करने के बाद ही आईओसी ने फरवरी 2014 में निलंबन हटाया था।
अगले पेज पर अजय माकन ने भी जताया विरोध