नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद वित्त मंत्रालय ने दावा किया था कि नए नोट छापने का काम तेजी से हो रहा है और जल्द ही लोगों की कैश की समस्या दूर हो जाएगी। हालांकि, केंद्र सरकार के दावों के उलट नए साल में भी देश में नए नोटों का भारी किल्लत होने की आशंका है।
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) के कर्मचारी संघ ने अधिकारियों को एक नोटिस जारी कर कहा है कि नोटबंदी के बाद 14 दिसंबर से लगातार ओवरटाइम काम करने की वजह से उनके कई कर्मचारी बीमार पड़ गए हैं।
एक निजी न्यूज चैनल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के सालबोनी स्थित मुद्रा प्रिंटिंग प्रेस में पिछले कई दिनों से लगातार 500 और 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई की जा रही है। लेकिन 24 घंटे काम करने की वजह से यहां के कर्मचारी भी मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होने लगे हैं।
जिसके बाद प्रेस के कर्मचारियों ने अब साफ कर दिया है कि वे अब 9 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। नोटबंदी के बाद से प्रिटिंग प्रेस में कर्मचारी 9 घंटे की शिफ्ट से ज्यादा काम कर रहे थे, ताकि ज्यादा नोटों की छपाई हो सके।
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