दिल्ली:
यह एक सपना है जो अब सच होने जा रहा है एक 16 वर्षीय आदिवासी जिसका सपना सच होने जा एक सपना सच होने जा रहा है। जो अगले एक या दो महीने में एक ऑक्सफोर्ड स्कूल में अंग्रेजी भाषा के अध्ययन के लिए ब्रिटेन के लिए रवाना होगी ।
आशा गोंड जो मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना जिले में जनवार गांव का रहने वाली है। हाल ही में उसे अंग्रेजी भाषा पढने के लिए ब्रिटेन भेजा जाएगा। जर्मन महिला उल्रिके रेइनहार्ड जिन्होनें एक स्केटपार्क बनाया गया है। इसमे सभी आदिवासी बच्चो को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जिसके बाद सभी बच्चे अंग्रेजी भाषा पढने के लिए स्कूल जाने लगे।
आशा ने गुरुवार को बात करते हुए। मैं बहुत उत्साहित हूँ मैं नहीं जानती कि ब्रिटेन किस तरह का है, लेकिन मैं निश्चित रूप से इसे अपना बनाऊगी मैं बिल्कुल डर नहीं रही हूँ और मुझमें उत्साह है।
जर्मन महिला उल्रिके रेइनहार्ड कहा ने कहा कि जनवार मे मनोहर कन्या हाई स्कूल से आशा की कक्षा 10 समाप्त हो गई है। पिछले साल जून में हमारे ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान अंग्रेजी पाठ्यक्रम में आशा ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। तो मैंने उससे अंग्रेजी सीखने के लिए ब्रिटेन भेजने के लिए उससे वादा किया था। शुरू में उसके माता-पिता धर्मराज और कमला गोंड उसको विदेश जाने की अनुमति देने में हिचक रहे थे और उन्हें मनाने के लिए लिए आठ महीने लग गए।
जर्मन महिला ने कहा कि यह मेरे लिए एक कठिन काम था जब वह आशा के माता-पिता को राजी करने की कोशिश कर रहा थी।