पटना। बिहार में बाढ़ से 12 जिलों की 27.50 लाख आबादी प्रभावित हुई है तथा 26 लोगों की जानें गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पड़ोसी देश नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश से उत्तरी बिहार के कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
वर्तमान में महानंदा, बखरा, कंकई, परमार, कोसी एवं अन्य नदी में बाढ़ से बिहार के 12 जिलों – पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारण के 62 प्रखंडों के 2162 गांव की 27.50 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
बिहार में घाघरा नदी सीवान जिले के दरौली और गंगपुर-सिसवन में, बागमती नदी मुजफ्फरपुर के बेनिबाद में, कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में, महानंदा नदी पूर्णिया के ढेंगरा घाट में तथा कटिहार जिले के झावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बाढ़ से बिहार में अबतक 26 लोगों की जान गई है। सुपौल में 8, पूर्णिया में 7, किशनगंज में 5 कटिहार एवं मधेपुरा में 2-2 और सहरसा एवं अररिया में 1-1 लोगों की मौत हुई है।
बिहार में बाढ़ के कारण 3.39 लाख हेक्टेयर में लगी फसलों की क्षति हुई, जिसके अनुमानित मूल्य का आकलन किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती की गई है। एनडीआरएफ की एक-एक टीम सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा एवं पटना के दीदारगंज में तथा एसडीआरएफ की एक-एक टीम खगड़िया, सीतामढ़ी, पूर्णियां, भागलुपर, मधुबनी और मधेपुरा जिलों में तैनाती की गई है।
इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सुपौल पहुंच कर कोसी तटबंध का निरीक्षण किया तथा राहत कार्य में जुटे कार्य एजेंसी के अभियंताओं को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राहत कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।